१
ये रुते बहार शायद खाक होने वाली हैं, आजकल बातों बातों में उसका लहजा बदल सा जाता है...
२
वो शख़्स एक शाम में कितना बदल गया !
हैरत से सारे लफ़्ज़ उसे देखते रहे,
बातों में अपनी बात को कैसा बदल गया !
३
हैरानगी नही मुझे इस बात पे कि कौन कितना बदल गया,
४
रुक जाता था लम्हा उसके तस्सवुर में;
मासूमियत उसकी वक्त को मदहोश कर देती थी !
लफ्ज होठों में सिले रहते थे ;
आँखों की बाते, मुझे खामोश कर देती थी !
हाल-ए-दिल कहूँ या सुनाऊं बेवफाई की दास्ताँ;
बदल कर 'मीत' को, वो शक्श खुद बदल गया !
लफ्ज होठों में सिले रहते थे ;
आँखों की बाते, मुझे खामोश कर देती थी !
हाल-ए-दिल कहूँ या सुनाऊं बेवफाई की दास्ताँ;
बदल कर 'मीत' को, वो शक्श खुद बदल गया !
५
जिन्दगी की राहों मे रस्ते बदल गए
रुख हवा का बदला या हमसफ़र बदल गए
सोचते है आपको याद ना करे
लेकिन आँखे बंद करते ही इरादे बदल गए
१ नरेश, २ गंगा तिवारी,३ प्रदीप, ४ गुरमीत ५ अखिल
जब वक़्त ही नही रहता टिक कर कही ,
तो क्युं चर्चा हैं इसका कि कौन कितना बदल गया !