आओ आज कुछ तूफानी करते हैं.........
सलीब जिंदगी का, ढोते रहे ताउम्र
आओ, आज कुछ जवानी करते है ......
दुनिया की फिक्र ने , ठहरी हुई थी दुनिया
आओ, आज कुछ रवानी करते है .........
रूह तक कांप जाए काफ़िरो की
आओ, आज कुछ रूहानी करते है........
दास्ताँ दुसरो की कब तलक सुने हम
आओ, आज कुछ कहानी करते है ........
जज्बातों के भंवर से कब तक डरे हम...
आओ , आज कुछ रूमानी करते है ..........
समझदारी ने ''मीत' नासमझ बना रखा
आओ, आज कुछ नादानी करते है ............
आओ आज कुछ तूफानी करते हैं.........
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