सुरमई शाम जब सुनहरी लगने लगे
रात के आगोश में सूरज पिघल रहा है कही कही !!!!
तेरी छोटी बात गुनगुनाती रहती है गीत खुशियों के ,
अजनबी , ऐसे अपनेपन की अदा देखी नहीं कही !!!
जिंदगी जब सतरंगी सपनो में संवर चले
जीने की वजह बता, गुजरा है कोई अभी अभी !!!
दिल के तार छु जाता है कोई अपना, बेगाना सा
यादें जब मुस्कुराहटों में बदल जाए कभी कभी
लम्हा- लम्हा मेरे खयालो में बसी रहती है तू
यादे तेरी जुदा मुझ से हुई कभी नहीं !!!
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