बरसो बैठा रहा दरगाह पे ..
इक रोटी की उम्मीद करआज मयकदे आया तो .. मेरी झोली भर गयी !!!
पता दे कही और का , कही और आज मिला है तूवाह रे खुदा ..आज मयकशी में खुदाई संवर गयी
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