Sunday, December 25, 2011

बरसो बैठा रहा दरगाह पे ..

इक रोटी की उम्मीद कर
आज मयकदे आया तो .. मेरी झोली भर गयी !!!

पता दे कही और का , कही और आज मिला है तू
वाह रे खुदा ..आज मयकशी में खुदाई संवर गयी

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